बीएमसी की वेबसाइट पर चार्ल्स कोरिया बने कुरियर, कुदसिया बेगम काे लिखा कुदोसिया

वेबसाइट पर दी गई जानकारी लापरवाही का नमूना है। इसे एक नजर में देखकर ऐसा लगता है कि किसी ने भी इसकी प्रूफ रीडिंग और फैक्ट्स जांचने की जहमत नहीं उठाई। ‘औरगजेब’, ‘मीनारो’, ‘मदिर’, ‘मस्जिदे’ जैसे कई शब्दों में अनुस्वार तक इस्तेमाल नहीं किया। नगर निगम की वेबसाइट के हिन्दी संस्करण का ‘पर्यटन सूचना’ सेक्शन ऐसी गलतियों से भरा पड़ा है। न सिर्फ नाम गलत लिखे हुए हैं, बल्कि बिंदी-मात्राओं और व्याकरण से जुड़ी ढेरों गलतियां हैं। इस सेक्शन पर क्लिक करते ही शहर के अंदर स्थित पर्यटन स्थलों, संस्कृति और कला से जुडे भवनों, पार्क आदि की जानकारी देखने और पढ़ने को मिलती है।


बेगम कुदसिया सहित जगहों के नाम गलत
वेबसाइट में गौहर महल के बारे में लिखा गया है कि इस विशाल महल का निर्माण वर्ष 1820 में क्रुदोसिया बेगम ने करवाया था। जबकि उनका सही नाम कुदसिया बेगम है। इतना ही नहीं मनुआभान टेकरी का नाम बदलकर मनुआ भाड की टेकरी लिखा गया है।


चार्ल्स कोरिया का नाम ही बदल दिया
वेबसाइट पर दिए गए पर्यटन सूचना केंद्र के अनुसार भारत भवन की डिजाइन वास्तुविद् चार्ल्स कुरियर ने की, जबकि सही नाम चार्ल्स कोरिया है। चार्ल्स काेरिया ख्यात वास्तुविद् रहे हैं, जिन्हांेने भारत भवन की परिकल्पना काे साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 


शब्दों में अनुस्वार का इस्तेमाल किया ही नहीं
आपको किसी शहर के ऐतिहासिक महत्व, कला और संस्कृति के बारे में जानना हो तो हो सकता है कि आप उस शहर से जुड़ी वेबसाइट देखेें। तो जब आप अपने शहर भोपाल के नगर निगम की वेबसाइट देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत भवन को चार्ल्स कोरिया ने नहीं, ‘कुरियर’ ने बनाया है। भोपाल में मनुआभान टेकरी नहीं मनुआभाड है।